Bike News: देश में डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदलने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग अपनी 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी कार, बाइक या स्कूटर को बिना अनुमति और जानकारी के इलेक्ट्रिक गाड़ियों में धड़ल्ले से बदलवा रहे हैं। लोग इस तरह का काम अपने पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग से बचाने के लिए करते हैं। या फिर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सवारी करने के शौक में ऐसा कर रहे हैं।
ऐसे लोगों को परिवहन विभाग के नियमों की जानकारी नहीं होती है और बिना जानकारी के ही पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदल देते हैं। खासकर स्क्रैप में जाने वाली गाड़ियों को भी लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बदलने लगे हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि इन पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में तब्दील करवाया जा सकता है? क्या भारत में परिवहन कानून इसकी इजाजत देता है? राज्यों के परिवहन कानून इस बारे में क्या कहता है?
आपको बता दें कि हाल के वर्षों में पेट्रोल मोटरसाइकिल से सफर करना काफी महंगा हो गया है। इसलिए, एक नई इलेक्ट्रिक चालित मोटरमोटरसाइकिल खरीदने के बजाय, लोग अपनी पुरानी मोटरसाइकिल में इलेक्ट्रिक चालित पैकेज लगा रहे हैं। ऐसे लोग हैं जो नई कारें खरीदने के बजाय विंटेज कारों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लेकिन, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कार, मोटरसाइकिल या स्कूटर को बिजली से चलने वाली कारों में बदल सकते हैं या नहीं।
जाने कब कैसे कर सकते हैं नॉर्मल और इलेक्ट्रॉनिक मोटरसाइकिल का बदलाव
यदि कोई दिशानिर्देश नहीं हैं और आप बिजली से चलने वाली कारों में बदल रहे हैं, तो आरटीओ आप पर कितनी अच्छी डील लगा सकता है या आपकी कार को स्क्रैप भी किया जा सकता है? जानें कि आप एक नियमित मोटरसाइकिल को डिजिटल इंजन में कैसे बदल सकते हैं।
आप यह जानकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि देश के डिलीवरी विनियमन के अनुरूप, आप पुरानी कारों को बिजली से चलने वाली कारों में नहीं बदल सकते। लेकिन, कई राज्य सकारात्मक शर्तों के साथ पुरानी कारों को बिजली से चलने वाली कारों में बदलने पर काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार भी इसमें अहम फैसला ले सकती है।
न्यूज 18 हिंदी से बात करते हुए गाजियाबाद के आरटीओ प्रबंधन राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि अभी तक एंटीक कारों, मोटरसाइकिलों या स्कूटरों को इलेक्ट्रिक कारों में बदलने के लिए परिवहन मंत्रालय से कोई आदेश नहीं मिला है।
हमारे जिले में, यदि ऐसी कारें सड़क पर चलने के लिए निकलती हैं, तो वे फंस जाती हैं और स्क्रैप के लिए भेज दी जाती हैं। यदि किसी अन्य जिले से पंजीकृत कारों की पहचान की जाती है, तो उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और संबंधित आरटीओ को इस बारे में सूचित किया जाता है। भारत सरकार के मोटर वाहन अधिनियम की धारा बावन के तहत आप पेट्रोलियम इंजन वाली बाइक में बिजली से चलने वाला इंजन नहीं लगा सकते।
कुल मिलाकर, रिकॉर्ड खो जाने के कारण मनुष्य अपनी पेट्रोल मोटरसाइकिलों को बिजली से चलने वाली मोटरसाइकिलों में बदल रहे हैं। लोग पेट्रोल इंजन और उपकरण कंटेनर को हटा रहे हैं और वाहन के अंदर विद्युत इंजन लगा रहे हैं।
लेकिन, जब डिलीवरी शाखा सड़क पर घूमने जा रही ऐसी कारों को नोटिस करती है, तो ऐसी कारों को भी स्क्रैप के लिए भेज दिया जाता है। इसलिए, यदि आप अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र पर रिकॉर्ड जोड़ना चाहते हैं तो अब आपको अपनी बाइक में इस तरह के बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है।
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