Delhi traffic:दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने प्रदूषक तत्वों को दूर करने के लिए एक नई यातायात योजना तैयार की है। इस योजना के तहत अगर आप अपनी मोटरों में प्रदूषण की जांच नहीं कराते हैं तो 10,000 रुपये का चालान भी काटा जा सकता है। इसके लिए दिल्ली परिवहन विभाग अब कैमरे से नजर रखेगा और ई-चालान भी भेजेगा।
इस योजना के तहत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने राजधानी के चार पेट्रोल पंपों पर कैमरे लगाए हैं। दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक, यह ट्रायल सफल रहा है और अगले कुछ महीनों के अंदर दिल्ली के 500 पेट्रोल पंपों पर भी कैमरे लगा दिए जाएंगे।
अब दिल्ली में जो वाहन मालिक अपने वाहन प्रदूषण की जांच (पीयूसी) नहीं कराएंगे, उन्हें ई-चालान भेजा जाएगा। यदि आप सूचना भेजने के तीन घंटे के भीतर प्रदूषण जांच नहीं कराते हैं तो ई-चालान भेजा जाएगा। दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक, चार पेट्रोल पंपों के बाद पहले चरण में पूरी दिल्ली में सौ पेट्रोल पंपों पर कैमरे लगाए जाएंगे।
दिल्ली में हो रही है गाड़ियों की सख्ती की बड़ी तैयारी
इसके बाद दिल्ली परिवहन विभाग कार मालिक को 3 घंटे का समय देगा और अगर उन 3 घंटों के भीतर जांच पूरी नहीं हुई तो ई-चालान भेजा जा सकता है। परिवहन विभाग ने यह शोध पिछले साल शुरू किया था। इस दौरान 20 हजार से ज्यादा गाड़ियों की जांच की गई। जांच में पता चला कि पेट्रोल पंप पर आने वाली 16 फीसदी गाड़ियों के पीयूसी सर्टिफिकेट अब वैध नहीं रहे।
इसके बाद अब दिल्ली परिवहन विभाग ने पूरी दिल्ली में कैमरे के साथ वर्चुअल डिस्प्ले लगाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। कार की रेंज प्लेट का अध्ययन करने के बाद उस कार के प्रदूषण जांच के लगभग पूरे आंकड़े देखे जा सकते हैं।
यदि यह गुलाबी है तो पीयूसी वैध नहीं माना जाएगा और यदि यह हरा है तो पीयूसी वैध नहीं माना जाएगा। पेट्रोल पंप कर्मचारी या वहां स्थित प्रदूषण जांच केंद्र का कर्मचारी वाहन मालिक से इस संबंध में जांच कराने को कहेगा। इसके बाद भी अगर वाहन चालक चेक नहीं कराता है तो अगले 3 घंटे के बाद उसका ई-चालान जारी किया जा सकता है।
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